चीप एडिटर राधेश्याम देवड़ा
न्यूज़ आजकलशाजापुर, 13 दिसम्बर 2025/ शाजापुर जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत (13 दिसंबर 2025 ) केवल एक न्यायिक आयोजन नहीं, बल्कि संवाद, संवेदना और समाधान का उत्सव बनकर सामने आई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय शाजापुर एवं तहसील न्यायालय शुजालपुर में आयोजित इस लोक अदालत ने यह सिद्ध कर दिया कि जब न्याय मानवीय संवेदना से जुड़ता है, तब विवाद नहीं, विश्वास जन्म लेता है।
लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाजापुर श्री आनंद कुमार तिवारी द्वारा किया गया। उन्होंने अपने प्रेरक संबोधन में कहा- “समस्या जब अपनों से हो तब समाधान खोजना चाहिए, न्याय नहीं। न्याय में एक जीतता है और दूसरा हारता है, जबकि समाधान में दोनों जीतते हैं। यही विचार इस लोक अदालत की आत्मा बना।
कुल 12325 प्रकरणों का सौहार्दपूर्ण निराकरण, राशि रूपये चार करोड 44 लाख 7 हजार 240 का आवार्ड पारित
सघन पूर्व तैयारी, निरंतर बैठकों, विभागीय समन्वय, व्यापक प्रचार-प्रसार एवं न्यायिक अधिकारियों के समर्पित प्रयासों का परिणाम यह रहा कि कुल 12325 प्रकरणों का राजीनामे से सफल निराकरण हुआ। जिसमें कुल 1411 लोग लाभान्वित हुए।
नेशनल लोक अदालत में विद्युत विभाग, बैंक, दूरसंचार, बीमा कंपनियाँ, नगर पालिका एवं अन्य विभागों से जुड़े प्री-लिटिगेशन एवं पोस्ट-लिटिगेशन प्रकरणों में पक्षकारों ने स्वेच्छा से सहभागिता कर आपसी सहमति से विवाद सुलझाए। इससे न केवल समय और धन की बचत हुई, बल्कि न्यायालयों पर लंबित मामलों का भार भी कम हुआ। इस लोक अदालत की सबसे मार्मिक और प्रेरणादायक सफलता उस समय सामने आई, जब धारा-13 के अंतर्गत एक युवा दंपती के वैवाहिक विवाद में खंडपीठ के पीठासीन अधिकारी श्री अवधेश कुमार गुप्ता द्वारा की गई संवेदनशील समझाइश से दोनों के बीच सुलह हो गई। वर्षों की कड़वाहट संवाद में बदली और दोनों पुनः साथ रहने के लिए सहमत हुए। सुलह के उपरांत दंपती ने एक-दूसरे को हार-फूल माला पहनाई, और अध्यक्ष श्री आनंद कुमार तिवारी द्वारा पौधा भेंट कर उनके सुखद भविष्य की कामना की गई। यह दृश्य लोक अदालत की वास्तविक सफलता का प्रतीक बन गया- जहाँ कानून ने रिश्तों को जोड़ने का माध्यम बनाया। इस ऐतिहासिक सफलता के पीछे न्यायिक अधिकारियों, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, बार एसोसिएशन, न्यायालय कर्मचारियों, पैरालीगल वालेंटियर्स एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्पित सहयोग रहा।
प्रेस नोट, बैनर, पेम्पलेट, केबल प्रचार, कचरा संग्रहण, वाहनों से ऑडियो प्रचार तथा ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में व्यापक जनसंपर्क ने आम नागरिकों तक लोक अदालत के लाभ पहुँचाए। नेशनल लोक अदालत, शाजापुर ने यह प्रमाणित कर दिया कि लोक अदालत केवल मुकदमों के निपटारे का मंच नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द, विश्वास और मानवीय न्याय का सशक्त माध्यम है। कई प्रकरणों का सफल निराकरण और एक बिखरते परिवार का पुनर्मिलन - यही इस लोक अदालत की श्रेष्ठ सक्सेस स्टोरी है, जो भविष्य के लिए प्रेरणा बनेगी।
लोक अदालत के अवसर पर 5 वर्षों से लंबित चेक अनादरण प्रकरण का अंत
नेशनल लोक अदालत में श्रीमती प्रेमलता जितेंद्र गोयल के न्यायालय में पिछले पांच वर्षों से लंबित चेक अनादरण प्रकरण का भी सौहार्दपूर्ण निराकरण हुआ। बैंक खाता बंद होने के कारण अनादरित चेक से जुड़े इस मामले में माननीय न्यायाधीश की प्रभावी समझाइश एवं अधिवक्ताओं के सहयोग से दोनों पक्षों के बीच राजीनामा हुआ, जिससे वर्षों पुराना विवाद स्थायी रूप से समाप्त हो गया।
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