अभिभावकों को दुकान या स्थान विशेष से निजी विद्यालय पाठ्य सामग्री क्रय करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं- कलेक्टर सुश्री बाफना

 अभिभावकों को दुकान या स्थान विशेष से निजी विद्यालय पाठ्य सामग्री क्रय करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं-


कलेक्टर सुश्री बाफना


अभिभावकगण इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत करें


राधेश्याम देवड़ा 

शाजापुर, 02 अप्रैल / कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना ने मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 की धारा 6 एवं 9 तथा मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबंधित विषयों का विनियमन) नियम वर्ष 2020 के नियम 6 एवं 9 के कड़ाई से पालन कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी श्री विवेक दुबे को निर्देश दिये हैं वे निजी विद्यालयों में पाठ्य एवं गणवेश सामग्री को अभिभावक कही से भी उपरोक्त सामग्री क्रय कर सकते हैं, का डिस्प्ले बोर्ड पर कर स्पष्ट प्रदर्शन कराएं। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी इस कार्य की सघन मॉनीटरिंग भी करें। उक्त नियमों का उल्लंघन करने वाले अशासकीय विद्यालयों के संचालको के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने की स्थिति में नियम 2020 के नियम 9 में वर्णित प्रक्रिया का पालन करते हुए संबंधित विद्यालय के विरूद्ध आवश्यक शास्ति अधिरोपित करने की कार्यवाही करें। इस संबंध में कलेक्टर ने अभिभावकों से अपील भी की है कि वे किसी भी विद्यालय द्वारा इस प्रकार की स्थिति निर्मित करने पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तत्काल शिकायत दर्ज कराएं।उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के संज्ञान में आया है कि कतिपय अशासकीय स्कूल प्रबंधन एवं प्राचार्य द्वारा एनसीईआरटी से संबंधित पुस्तको के साथ अन्य प्रकाशकों की अधिक मूल्य की पुस्तके एवं अन्य सामग्री क्रय करने हेतु छात्र-छात्राओं/पालकों पर अनुचित दबाव बनाया जाकर विषयवार एनसीईआरटी / सीबीएसई/एनसीईआरटी मुद्रित व निर्धारित पाठ्यक्रम की पाठय पुस्तको के स्थान पर अन्य प्रकाशकों की पाठयपुस्तको का चयन कर अभिभावको को दुकान विशेष/निर्धारित स्थान से क्रय करने हेतु अप्रत्यक्ष रूप से बाध्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 6 (1) (घ) में स्पष्ट उल्लेख है कि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्र या अभिभावक को पुस्तके, यूनिफार्म, टाई, जूते, कॉपी आदि केवल चयनीत विक्रेताओं से क्रय करने के लिए औपचारिक अथवा अनौपचारिक किसी भी रूप में बाध्य नही किया जाएगा। छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से क्रय करने के लिए स्वतंत्र होगें।

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