शाजापुर, 08 अप्रैल 2024/ कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना की अध्यक्षता में आज शाजापुर जिले के अशासकीय विद्यालयों के संचालक एवं प्राचार्यो की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री विवेक दुबे, डीपीसी श्री राजेन्द्र शिप्रे, आरटीओ श्री राकेश भूरिया सहित अशासकीय विद्यालयों के लगभग 59 संचालक एवं प्राचार्य उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर सुश्री बाफना ने कहा कि नवीन शिक्षा सत्र का संचालन शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप ही किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होनें अशासकीय विद्यालयों के संचालक एवं प्राचार्यो से कहा कि शासन निर्देशों के विपरित प्रतिवर्ष फीस में वृद्धि नहीं करें। उन्होंने कहा कि गणवेश एवं पाठ्यक्रम के लिये किसी दुकान विशेष को निर्धारित न किया जायें। इस दौरान उन्होंने कहा कि वाहनों पर व्हीकल ट्रेकिंग (VTD) डिवाइस अच्छी एवं वर्किंग स्थिति में हो, परिवहन विभाग के मापदंड अनुसार वाहन का फीटनेस, बीमा, केमरा, स्पीड गवर्नेंस व वाहन संचालन संबंधी समस्त दस्तावेज हो यह सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने आरटीओ अधिकारी को विद्यालयों में जाकर वाहन के फिटनेस आदि को चैक करने, विद्यालयो में संचालित किये जा रहे वाहनों के ड्रायवर्स एवं कण्डेक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन कराने आदि के निर्देश दिये। कलेक्टर ने लोकसभा निर्वाचन 2024 के संबंध में ज्यादा से ज्यादा प्रचार- प्रसार करने के लिए विद्यालय स्तर पर वादविवाद, रंगोली, क्विज काम्पिटिशन, नुक्कड़ नाटक आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन कर बच्चों एवं उनके पालको को मतदान करने के प्रति मॉटिवेट करने के लिये कहा। साथ ही साथ पर्यावरण जागरूकता के लिये वर्षा के दौरान बच्चों को पौधा लगाने व बीज डालने सहित वाटर हार्वेसिंग सिस्टम, विद्यार्थियों को नागरिक कर्तव्य का बोध कराने आदि गतिविधियों आयोजित करने के लिये भी कहा।
कलेक्टर ने प्राचार्यगणों से कहा कि इसमें किसी भी तरह की बाधा आने पर सीधे जिला प्रशासन से सम्पर्क कर सकते हैं। प्राचार्यो द्वारा बताई गई समस्याओं का हर संभव निराकरण किया जाएगा।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री दुबे ने अशासकीय शालाओं के प्राचार्यो को अवगत कराया कि गणवेश के लिये किसी दुकान विशेष को निर्धारित न किया जायें, कम से कम 03 वर्ष तक किसी भी स्थिति में गणवेश परिवर्तित न किया जायें, परिवर्तित गणवेश का डिसप्ले (नमूना) संस्था के नोटीस बोर्ड पर करें, पालको से समन्वय स्थापित कर उन्हें विश्वास में लेकर गणवेश परिवर्तित करें। जिन छात्र-छात्राओं द्वारा गतवर्ष ही गणवेश ली हो उन्हें गणवेश परिवर्तन के लिये अनावश्यक दबाव न बनाया जायें। उन्होने कहा कि पुस्तको के लिये किसी दुकान विशेष को निर्धारित न किया जायें। शासन द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की पुस्तको का अध्यापन में उपयोग किया जायें। साथ ही बार-बार पुस्तकें नही बदली जायें।
वाहनों पर व्हीकल ट्रेकिंग (VTD) डिवाइस अच्छी एवं वर्किंग स्थिति में हो, परिवहन विभाग के मापदंड अनुसार वाहन का फीटनेस, बीमा, केमरा, स्पीड गवर्नेंस व वाहन संचालन संबंधी समस्त दस्तावेज हो। वाहन चालक के आवश्यक दस्तावेज प्रचलित अवस्था में होना चाहिए। वाहन में बच्चे होने की स्थिति में वाहन चालक के अतिरिक्त अन्य कर्मी या विद्यालयीन कर्मचारी महिला/पुरुष साथ हो, वाहन द्वारा बच्चों को शाला परिसर में ही उतारने एवं बिठाने की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि शासन निर्देशों के विपरित प्रतिवर्ष फीस में वृद्धि नहीं करें, छात्रों से लेने वाले शुल्क की विस्तृत जानकारी पालक द्वारा फीस जमा करने पर विद्यालय द्वारा दी जाने वाली रसीद में स्पष्ट की जायें, किसी भी स्थिति में विद्यालय द्वारा एक से अधिक माह का अग्रिम शुल्क पालकों से न लिया जायें, आरटीई नियमानुसार कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न हो, इसके लिए किसी भी छात्र की टी.सी. न रोकी जायें। उन्होंने छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के संबंध में बताया कि विद्यालय परिसर बांउड्रीवाल से सुरक्षित हो, परिसर या आसपास नदी, नाला, तालाब खंती, बिना मुंगेर का कुआ, खुला बोरवेल आदि न हो। विद्यालय परिसर के उपर से हाईटेंशन- लाईट न निकली हो, विद्यालय का मुख्यद्वार, मुख्य सड़क मार्ग पर न हो। साथ ही स्कूल बैग पॉलिसी 2020- मध्यप्रदेश शासन द्वारा "स्कूल बैग पॉलिसी 2020 का पालन किया जाये।
इस दौरान पर्यावरण जागरूकता, प्लास्टिक, पेड़, पानी, विद्यालयीन समस्त स्टॉफ टू व्हिलर चलाते समय हेलमेट का उपयोग करें, छोटे बच्चे बिना लायसेंस वाहन न चलाये तथा विद्यार्थियों को नागरिक कर्तव्य का बोध कराने सहित अन्य विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
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