राधेश्याम देवड़ा

कृषक श्री अश्विनी नाहर किनोवा की खेती से समृद्धि की ओर
शाजापुर, 24 जनवरी 2025/ शाजापुर जिले के बेरछा के निवासी और प्रगतिशील कृषक श्री अश्विनी नाहर ने कृषि के क्षेत्र में एक नई मिसाल पेश की है। उन्होंने किनोवा फसल की खेती कर न केवल अपनी आमदनी बढ़ाई है, बल्कि अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रेरित किया है।
श्री नाहर बताते हैं कि किनोवा की खेती अक्टूबर के महीने में शुरू होती है। बीज की लागत भी कम होती है, जहां एक बीघा जमीन के लिए मात्र 2 किलो बीज की आवश्यकता पड़ती है। फसल उत्पादन की बात करें तो एक बीघा में करीब 8 क्विंटल किनोवा पैदा होता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें पानी की खपत बेहद कम होती है और फसल के दौरान किसी प्रकार की दवाई की जरूरत नहीं पड़ती। साथ ही, यह फसल सिर्फ 50 दिनों में परिपक्व हो जाती है।
श्री नाहर ने बताया कि किनोवा फसल को जानवरों से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता, जो इसे अन्य फसलों की तुलना में और भी लाभदायक बनाता है। उन्होंने पिछले वर्ष किनोवा का बाजार मूल्य 7000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्राप्त किया था, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ। अपनी उपज को वे विभिन्न बाजारों में बेचते हैं, जिससे उनकी आय के स्रोत बढ़ गए हैं।
किनोवा की खेती से प्रेरित होकर अब गांव के अन्य किसान भी इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। श्री नाहर अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए कहते हैं, "यह फसल कम लागत और कम पानी में अधिक लाभ देती है। हर किसान को इसे अपनाना चाहिए।"
उनकी इस प्रेरणादायक पहल ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि बेरछा गांव के अन्य किसानों के लिए भी नई राह खोली है। श्री अश्विनी नाहर आज अपने गांव में कृषि नवाचार के प्रतीक बन गए हैं।
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