मकसी -- वर्षीतप तपस्वियों का मक्षी जी तीर्थ में वरघोड़ा निकला

मकसी -- वर्षीतप तपस्वियों का मक्षी जी तीर्थ में वरघोड़ा निकला
प्रथम तीर्थकर श्री ऋषभ देव प्रभु ने राज्यपद का त्याग कर दीक्षा ग्रहण की ओर 400 दिवस तक उन्हें शुद्ध प्रासुक आहार प्राप्त नही हुवा ,अक्षय तृतीया के दिन हस्तिनापुर नगरी के राजकुमार द्वारा शुद्ध गन्ने के रस से प्रभु को पारणा करवाया , पंच दिव्य प्रगट हुवे ,गुरु भगवंतों के आशीर्वाद से यह तप नरेन्द्र भाई कटारिया एव विधिकारक हेमन्त वेदमुथा ने यह वर्षीतप पूर्ण किया ।उस निमित अपने घर मन्दिर में प्रभु श्री पार्श्वनाथ भगवान का प्रवेश हुवा ,, श्री 21 गुरु सप्तमी के लाभार्थी परिवार द्वारा श्री नरेन्द्र भाई एवं उनकी धर्मपत्नी श्री मति ममता कटारिया को वेयावच्च प्रेमी के पद से विभूषित किया गया। तत पश्चयात श्री संघ मक्षी जी द्वारा बहुमान किया गया , नवकारसी ,वरघोड़ा एव स्वामीवात्सल्य का लाभ कटारिया परिवार दोन्ता वालो ने लिया ,आभार महेंद्र जी कटारिया ने माना ,,

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