अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकें, बच्चों का भविष्य संवारें
जिला प्रशासन ने की अपील
राधेश्याम

देवड़ा
शाजापुर, 28 अप्रैल / अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर जिला प्रशासन शाजापुर द्वारा जिलेवासियों से बाल विवाह रोकथाम के लिए विशेष अपील की गई है।
कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना ने संदेश जारी करते हुए कहा कि बाल विवाह एक ऐसी सामाजिक बुराई है, जो न केवल बच्चों के बचपन की मासूमियत को छीन लेती है, बल्कि उनके भविष्य को भी अंधकारमय बना देती है।
बाल विवाह से बच्चों का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास बाधित होता है। कम उम्र में जिम्मेदारियों के बोझ से बच्चे न तो गृहस्थी का संचालन कर पाते हैं और न ही अपने जीवन के सपनों को साकार कर सकते हैं। इससे घरेलू हिंसा की घटनाएँ बढ़ती हैं और कम उम्र में गर्भधारण से मातृ व शिशु मृत्यु दर में वृद्धि होती है, जिससे समाज व देश के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
कम उम्र की माताओं से जन्मे बच्चों में कुपोषण की आशंका अधिक रहती है, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा बनती है। परिणामस्वरूप न केवल परिवार आर्थिक और सामाजिक संकटों का सामना करता है, बल्कि देश भी एक सक्षम नागरिक से वंचित रह जाता है।
जिला प्रशासन ने समाज के सभी प्रमुखों और सेवा प्रदाताओं से अपील की है कि वे बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। कानून के अनुसार, बालक की विवाह योग्य आयु 21 वर्ष तथा बालिका की 18 वर्ष निर्धारित है। बाल विवाह कराने पर दो वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। यदि किसी स्थान पर बाल विवाह की सूचना मिले तो तत्काल जिला स्तर पर गठित कंट्रोल रूम नंबर 07364-299200 या नजदीकी पुलिस थाना अथवा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर जानकारी दें। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम पूर्णतः गोपनीय रखा जाएगा।
आइए, मिलकर जिले को बाल विवाह मुक्त बनाएं और बच्चों को अपने सपनों की उड़ान भरने का अवसर प्रदान करें।
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