दो नाबालिग बालिकाओं के विवाह रूकवाए

दो नाबालिग बालिकाओं के विवाह रूकवाए


     शाजापुर 11 अप्रैल/ गत दिवस रात्रि में चाइल्ड हेल्प लाइन कंट्रोल रूम भोपाल के माध्यम से ग्राम बोलाई में दो बालिकाओं के बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री नीलम चौहाननायब तहसीलदार गुलाना सुश्री वंदना हरित,  परियोजना अधिकारी श्री पंकज दवे,  चाइल्ड हेल्प लाइन सदस्य श्री देवेन्द्र गोठी की टीम ग्राम बोलाई पहुँची। यहाँ दोनों बालिकाओं के पिता व परिजनों से चर्चा की गयी और बालिकाओं के आयु संबंधी दस्तावेज मांगे गए। बालिकाओं के पिता द्वारा प्रस्तुत किये दस्तावेजो में दोनों बालिकाओं की आयु 18 वर्ष से कम पाई गयी। चूंकि बालिकाएं नाबालिग की श्रेणी में आने से टीम द्वारा बालिकाओं के परिजनों व पिता को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी देते हुए बताया गया कि बाल विवाह करना अपराध की श्रेणी में आता है और बाल विवाह के दुष्परिणाम की जानकारी देते हुए बाल विवाह न करने की समझाइश दी गई। अधिनियम की जानकारी प्राप्त होने के उपरांत परिवारजन द्वारा विवाह कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया गया। टीम द्वारा बताया गया कि यदि समझाइश के बावजूद भी यदि विवाह करना पाया जाता है तो बालिका के माता-पिता के विरूद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी।

      गोरतलब है कि बाल विवाह के कारण बालक-बालिकाओं का शारीरिक व मानसिक विकास बाधित होता हैशिक्षा में भी रूकावटे आती है एवं कम उम्र में माँ बनने पर न केवल बच्चे को बल्कि उसकी माँ को भी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस कारण बच्चे भी कमजोर व कुपोषित जन्म लेते हैजिससे परिवार व स्वस्थ समाज के निर्माण में बाधाएं आती है। टीम द्वारा आमजनों से अपील की गयी है की कोई भी व्यक्ति अपने बच्चों का विवाह बालक की आयु 21 वर्ष व बालिका की आयु 18 वर्ष के पहले न करें और यदि कहीं बाल विवाह होना देखे तो तुरंत चाइल्ड हेल्प लाइन 1098181डायल 100 पर सूचना दे, कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम व नंबर गोपनीय रखा जाता है।

Post a Comment

0 Comments