जिले के विभिन्न गाँवों से अब तक 913 वन्यजीवों को पकड़ा-----➡️ 15 अक्टूबर से 04 नवम्बर तक चला पायलट प्रोजेक्ट

जिले के विभिन्न गाँवों से अब तक 913 वन्यजीवों को पकड़ा
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➡️ 15 अक्टूबर से 04 नवम्बर तक चला पायलट प्रोजेक्ट

मुख्यमंत्री डॉ. Dr Mohan Yadav के निर्देशों के परिपालन में मध्य प्रदेश और विशेष कर पश्चिम मध्य प्रदेश के राजस्व क्षेत्र में कृष्ण मृग एवं रोजड़ों के द्वारा खेतों को नुकसान पहुंचाने की समस्या के निदान के रूप में दक्षिण अफ्रीका की कंजर्वेशन सॉल्यूशंस की टीम एवं वन विभाग की टीम द्वारा हेलीकॉप्टर और बोमा पद्धति से कृष्णमृगों को पकड़ने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। यह पायलट प्रोजेक्ट 15 अक्टूबर 2025 से 4 नवंबर 2025 तक चलाया गया।

इस पायलट प्रोजेक्ट के दौरान 913 वन्यजीवों को पकड़ा गया, जिसमे 846 कृष्णमृग और 67 नीलगाय शामिल है। इस पायलट प्रोजेक्ट के दौरान शाजापुर जिले के विभिन्न गाँवों का हेलीकॉप्टर द्वारा हवाई सर्वे करके वन्यजीव वाले गाँवों से कृष्णमृग और नीलगाय को पकड़कर वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व, कुनो राष्ट्रीय उद्यान एवं गांधीसागर वन्यजीव अभ्यारण्य में छोड़ा गया। इस पायलट प्रोजेक्ट वन विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा कांजेर्वेशन सॉल्यूशंस दक्षिण अफ्रीका एवं वाइल्डलाइफ एंड फॉरेस्ट्री सर्विसेज के सहयोग से पूरा किया गया। इस अभियान को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मध्य प्रदेश शासन के मार्गदर्शन में चलाया गया।

इस अभियान में राज्य मंत्री (वन) मध्य प्रदेश श्री दिलीप अहिरवार, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, सांसद श्री महेंद्र सिंह सोलंकी, विधायक कालापीपल श्री घनश्याम चंद्रवंशी, विधायक शाजापुर श्री अरुण भीमावद का विशेष सहयोग रहा। इस अभियान में अपर मुख्य सचिव (वन) श्री अशोक वर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वीएन अंबाड़े, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक श्री शुभरंजन सेन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) श्री एल कृष्णमूर्ति के द्वारा बोमा स्थलों का दौरा करके अभियान को नई दिशा प्रदान किया।

इस अभियान के दौरान मुख्य वन संरक्षक उज्जैन श्री एमआर बघेल के द्वारा पूरे अभियान के दौरान क्षेत्र में उपस्थित रहकर पूरे अभियान को निगरानी किया एवं सुचारू रूप से चलाया। इस अभियान में जिला प्रशासन, जिला पुलिस, राजस्व विभाग, बिजली विभाग, स्वास्थ विभाग, कृषि विभाग, पंचायत विभाग की विशेष भूमिका रही। इस अभियान में मध्य प्रदेश के विभिन्न वनमंडलों के वन मंडलाधिकारियों, एसडीओ, परिक्षेत्र अधिकारी (रेंजर) और मैदानी वन अमले ने कार्य किया। वन्यजीव प्रबंधन एवं परिवहन में वन्यजीव स्वास्थ विशेषज्ञों और वाहन चालकों की विशेष भूमिका रही। पूरे अभियान के दौरान ग्रामवासियों और मीडिया ने सकारात्मक भूमिका निभायी।

CM Madhya Pradesh Ministry of Environment, Forest & Climate Change, Government of India Department of Forest, Madhya Pradesh Jansampark Madhya Pradesh

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